Famous Places in Bihar | Tourist Places To Visit in Bihar
25 Tourist Places in Bihar | Famous Places in Bihar :- Bihar is a state located in the eastern part of India. It is bordered by Uttar Pradesh in the west, Nepal in the north, West Bengal in the east and Jharkhand in the south. The capital of Bihar is Patna. Bihar is the third largest state by population and twelfth largest by geography. The state is known for its rich cultural heritage, which includes ancient Buddhist and Hindu religious sites such as the Mahabodhi Temple and the ruins of Nalanda University. Agriculture is the main source of livelihood for the majority of the population in Bihar. The state is also home to several national parks and wildlife sanctuaries, including the Valmiki National Park and the Rajgir Wildlife Sanctuary. Additionally, Bihar has a rich history and has been an important center of power, learning and culture in ancient and medieval India.
बिहार के पर्यटक स्थल | बिहार के प्रसिद्ध स्थान :- बिहार भारत के पूर्वी भाग में स्थित एक राज्य है। यह पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल और दक्षिण में झारखंड से घिरा है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार जनसंख्या के हिसाब से तीसरा और भूगोल के हिसाब से बारहवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, जिसमें प्राचीन बौद्ध और हिंदू धार्मिक स्थल जैसे महाबोधि मंदिर और नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर शामिल हैं। बिहार में अधिकांश आबादी के लिए कृषि आजीविका का मुख्य स्रोत है। राज्य कई राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों का भी घर है, जिनमें वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान और राजगीर वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बिहार का एक समृद्ध इतिहास रहा है और यह प्राचीन और मध्यकालीन भारत में शक्ति, शिक्षा और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
25 Best Tourist Places in Bihar | Famous Places in Bihar
Bihar is a state rich in history and culture, with many tourist destinations that showcase its unique heritage and beauty. Some of the top tourist places in Bihar include :-
- Gaya (गया)
- Mahabodhi Temple Complex in Bodh Gaya (बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर)
- Bodhi Tree (बोधि वृक्ष)
- Nalanda University (नालंदा विश्वविद्यालय)
- Mahavir Mandir – Patna (महावीर मंदिर – पटना)
- Patandevi Temple (पटनदेवी मंदिर)
- Patna Museum (पटना संग्रहालय)
- Sanjay Gandhi Jaivik Udyaan (संजय गांधी जैविक उद्यान)
- Padri Ki Haveli (पादरी की हवेली)
- Agam Kuan (अगम कुआँ)
- Kumhrar (कुम्हरार)
- Takht Sri Harmandir Saheb (तख्त श्री हरमंदिर साहब)
- Srikrishna Science Centre (श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र)
- The Patna Planetarium (पटना तारामंडल)
- Gandhi Maidan (गांधी मैदान)
- Golghar (गोलघर)
- Funtasia Island (फंटासिया द्वीप)
- Rajdhani Vatika (राजधानी वाटिका)
- Mahatma Gandhi Setu (महात्मा गांधी सेतु)
- Vishwa Shanti Stupa -Vaishali (विश्व शांति स्तूप – वैशाली)
- The Ashokan Pillar – Vaishali (अशोक स्तंभ – वैशाली )
- Sonepur Mela (सोनपुर मेला)
- Rajgir (राजगीर)
- Pawapuri (पावापुरी)
- Kakolat Waterfall (ककोलत जलप्रपात)
- Hieun Tsang Memorial Hall (ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल)
- Kesariya Stupa (केसरिया स्तूप)
- Vikramshila Gangetic Dolphin Sanctuary (विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य)
बिहार इतिहास और संस्कृति से समृद्ध राज्य है, यहां कई पर्यटन स्थल हैं जो इसकी अनूठी विरासत और सुंदरता को प्रदर्शित करते हैं। बिहार के कुछ शीर्ष पर्यटन स्थलों में शामिल हैं
Gaya (गया)
Gaya is a city in the state of Bihar. It is located on the banks of the Falgu River and is one of the most important pilgrimage sites in India for Hindus. Gaya is associated with the Hindu God Vishnu, and is believed to be the site where Lord Vishnu is said to have performed the ritual of offering oblations to the spirits of one’s ancestors, known as “Pitru Tarpan”.
गया बिहार राज्य का एक शहर है। यह फल्गु नदी के तट पर स्थित है और हिंदुओं के लिए भारत में सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। गया हिंदू भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है, और माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान विष्णु ने अपने पूर्वजों की आत्माओं को तर्पण देने का अनुष्ठान किया था, जिसे “पितृ तर्पण” के रूप में जाना जाता है।
Apart from religious sites, Gaya is also known for its natural beauty, including the Ramshila Hill, the Dungeshwari Hill, and the Barabar Caves, which are located on the outskirts of the city. These caves are believed to have been used by the early Buddhists for meditation and are a popular tourist attraction.
धार्मिक स्थलों के अलावा, गया अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है, जिसमें रामशिला पहाड़ी, डुंगेश्वरी पहाड़ी और बाराबर गुफाएं शामिल हैं, जो शहर के बाहरी इलाके में स्थित हैं। ऐसा माना जाता है कि इन गुफाओं का उपयोग प्रारंभिक बौद्धों द्वारा ध्यान के लिए किया जाता था और ये एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण हैं।
In conclusion, Gaya is an important religious and cultural center, and attracts visitors from all over the world who come to explore its rich history and spiritual heritage. Bihar is a state rich in history and culture, with many tourist destinations that showcase its unique heritage and beauty.
अंत में, गया एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है जो इसके समृद्ध इतिहास और आध्यात्मिक विरासत का पता लगाने के लिए आते हैं। बिहार इतिहास और संस्कृति से समृद्ध राज्य है, जहां कई पर्यटन स्थल हैं जो इसकी अनूठी विरासत और सुंदरता को प्रदर्शित करते हैं।
Mahabodhi Temple Complex in Bodh Gaya (बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर:):
One of the most important Buddhist pilgrimage sites in the world, the Mahabodhi Temple Complex marks the spot where the Buddha is said to have achieved enlightenment.
दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक, महाबोधि मंदिर परिसर वह स्थान है जहां कहा जाता है कि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था।
Bodhi Tree (बोधि वृक्ष)
The Bodhi Tree is a sacred fig tree (Ficus religiosa) that is revered by Buddhists as the tree under which the Buddha attained enlightenment. According to Buddhist tradition, the Buddha meditated under the Bodhi Tree for six days, after which he attained enlightenment and became the Buddha. The tree is considered a symbol of the Buddha’s enlightenment, and is one of the most important sacred sites in Buddhism.
बोधि वृक्ष एक पवित्र अंजीर का पेड़ (फ़िकस रिलिजियोसा) है जिसे बौद्धों द्वारा उस पेड़ के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है जिसके नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बौद्ध परंपरा के अनुसार, बुद्ध ने छह दिनों तक बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान किया, जिसके बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ और वे बुद्ध बन गये। इस पेड़ को बुद्ध के ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, और यह बौद्ध धर्म में सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों में से एक है।
The original Bodhi Tree was located in the ancient city of Bodh Gaya, in the Indian state of Bihar. Today, a temple complex known as the Mahabodhi Temple surrounds the tree, and the site is one of the most important pilgrimage destinations for Buddhists from around the world. The tree has been propagated several times over the centuries, and cuttings from the original tree have been planted in many other countries, including Sri Lanka, Myanmar, and Thailand.
मूल बोधि वृक्ष भारत के बिहार राज्य के प्राचीन शहर बोधगया में स्थित था। आज, एक मंदिर परिसर जिसे महाबोधि मंदिर के नाम से जाना जाता है, पेड़ के चारों ओर घिरा हुआ है, और यह स्थल दुनिया भर के बौद्धों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। इस पेड़ को सदियों से कई बार प्रचारित किया गया है, और मूल पेड़ की कटिंग श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड सहित कई अन्य देशों में लगाई गई है।
The Bodhi Tree continues to be an important symbol of Buddhist spiritual practice and is revered as a source of blessings and inspiration by Buddhists everywhere.
बोधि वृक्ष बौद्ध आध्यात्मिक अभ्यास का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बना हुआ है और हर जगह बौद्धों द्वारा आशीर्वाद और प्रेरणा के स्रोत के रूप में पूजनीय है।
Nalanda University (नालंदा विश्वविद्यालय)
Nalanda University is an ancient center of higher learning, located in the Indian state of Bihar. It was one of the world’s first residential universities, and is considered one of the greatest Buddhist centers of learning that ever existed. The university was founded in the 5th century AD and was a major center for the study of Buddhist philosophy, as well as subjects such as science, mathematics, astronomy, and medicine. Nalanda University was a thriving center of knowledge and culture for several centuries, attracting scholars and students from all over the world. However, it was eventually destroyed by the invading forces of the Mughal Empire in the 12th century. It is one of the top tourist destinations in Bihar.
नालंदा विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र है, जो भारत के बिहार राज्य में स्थित है। यह दुनिया के पहले आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक था, और इसे अब तक के सबसे महान बौद्ध शिक्षा केंद्रों में से एक माना जाता है। विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं शताब्दी ईस्वी में हुई थी और यह बौद्ध दर्शन के साथ-साथ विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान और चिकित्सा जैसे विषयों के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र था। नालंदा विश्वविद्यालय कई शताब्दियों तक ज्ञान और संस्कृति का एक संपन्न केंद्र था, जो दुनिया भर से विद्वानों और छात्रों को आकर्षित करता था। हालाँकि, अंततः 12वीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य की आक्रमणकारी सेनाओं ने इसे नष्ट कर दिया। यह बिहार के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है।
Mahavir Mandir – Patna (महावीर मंदिर – पटना)
Mahavir Mandir is a Hindu temple located in Patna, the capital city of Bihar. It is dedicated to Lord Hanuman, and is considered one of the busiest and most popular temples in the city. The temple attracts a large number of devotees, who come to offer prayers and seek blessings. The temple is known for its vibrant and colorful atmosphere, with devotees participating in various religious ceremonies and rituals. Mahavir Mandir is a beautiful structure, with intricate carvings and stunning architecture. In addition to the main shrine dedicated to Lord Hanuman, the temple also has several smaller shrines dedicated to other Hindu gods and goddesses. The temple is a popular tourist destination, attracting visitors from across the country and around the world who are interested in religion, culture and history.
महावीर मंदिर बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह भगवान हनुमान को समर्पित है, और शहर के सबसे व्यस्त और सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है, जो पूजा करने और आशीर्वाद लेने आते हैं। यह मंदिर अपने जीवंत और रंगीन वातावरण के लिए जाना जाता है, जिसमें भक्त विभिन्न धार्मिक समारोहों और अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। महावीर मंदिर एक सुंदर संरचना है, जिसमें जटिल नक्काशी और आश्चर्यजनक वास्तुकला है। भगवान हनुमान को समर्पित मुख्य मंदिर के अलावा, मंदिर में अन्य हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिर भी हैं। यह मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो देश और दुनिया भर से धर्म, संस्कृति और इतिहास में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है।
Patandevi Temple (पटनदेवी मंदिर)
Patandevi Temple is a Hindu temple located in the town of Patna. The temple is dedicated to the Hindu goddess Durga, and is one of the oldest and most important shrines in the region.
पटनदेवी मंदिर पटना शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर हिंदू देवी दुर्गा को समर्पित है, और इस क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।
According to legend, the temple was built during the reign of King Ashoka, and it has been a place of worship and pilgrimage for centuries. The temple is known for its elaborate carvings and intricate architecture, which are a testament to the skill and creativity of the ancient Indian artisans who built it.
किंवदंती के अनुसार, मंदिर का निर्माण राजा अशोक के शासनकाल के दौरान किया गया था, और यह सदियों से पूजा और तीर्थस्थल रहा है। यह मंदिर अपनी विस्तृत नक्काशी और जटिल वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जो इसे बनाने वाले प्राचीन भारतीय कारीगरों के कौशल और रचनात्मकता का प्रमाण है।
In addition to its religious and cultural significance, the Patandevi Temple is also known for its beautiful location, set in the midst of lush green surroundings and surrounded by a tranquil lake. Visitors can come to the temple to offer prayers and seek blessings, or simply to enjoy the peaceful atmosphere and admire the intricate beauty of the temple.
अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा, पटनदेवी मंदिर अपने खूबसूरत स्थान के लिए भी जाना जाता है, जो हरे-भरे वातावरण के बीच में स्थित है और एक शांत झील से घिरा हुआ है। पर्यटक मंदिर में प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने के लिए आ सकते हैं, या बस शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लेने और मंदिर की जटिल सुंदरता की प्रशंसा करने के लिए आ सकते हैं।
Whether you are interested in Hindu religion, Indian art and architecture, or simply looking for a peaceful and beautiful place to spend some time, the Patandevi Temple is well worth a visit.
चाहे आप हिंदू धर्म, भारतीय कला और वास्तुकला में रुचि रखते हों, या बस कुछ समय बिताने के लिए एक शांतिपूर्ण और सुंदर जगह की तलाश में हों, पटनदेवी मंदिर देखने लायक है।
Patna Museum (पटना संग्रहालय)
Patna Museum is a museum located in Patna. It is one of the oldest museums in India and was established in 1917. The museum houses a rich collection of artifacts and artworks, including sculptures, paintings, manuscripts, and coins, that span a wide range of historical periods and cultural traditions. Some of the key highlights of the museum include the Didarganj Yakshi, a 2nd century BCE sculpture of a female deity, and the Gandhara Art, a collection of Buddhist sculptures from the Gandhara region of northern India.
पटना संग्रहालय पटना में स्थित एक संग्रहालय है। यह भारत के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है और इसकी स्थापना 1917 में हुई थी। संग्रहालय में मूर्तियों, चित्रों, पांडुलिपियों और सिक्कों सहित कलाकृतियों और कलाकृतियों का एक समृद्ध संग्रह है, जो ऐतिहासिक काल और सांस्कृतिक परंपराओं की एक विस्तृत श्रृंखला को दर्शाता है। संग्रहालय के कुछ प्रमुख आकर्षणों में दीदारगंज यक्षी, एक महिला देवता की दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की मूर्ति, और गांधार कला, उत्तरी भारत के गांधार क्षेत्र से बौद्ध मूर्तियों का एक संग्रह शामिल है।
The museum also has a section dedicated to the history of the state of Bihar, including displays of coins and manuscripts from the Maurya and Gupta periods, as well as artifacts from the colonial period. Patna Museum is a popular tourist destination, attracting visitors who are interested in history, archaeology, and art. The museum is also an important cultural and educational institution, serving as a center for research and study in a variety of fields related to the arts, humanities, and sciences. It is one of the top tourist destinations in Bihar.
संग्रहालय में बिहार राज्य के इतिहास को समर्पित एक खंड भी है, जिसमें मौर्य और गुप्त काल के सिक्कों और पांडुलिपियों के साथ-साथ औपनिवेशिक काल की कलाकृतियां भी प्रदर्शित हैं। पटना संग्रहालय एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो इतिहास, पुरातत्व और कला में रुचि रखने वाले आगंतुकों को आकर्षित करता है। संग्रहालय एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थान भी है, जो कला, मानविकी और विज्ञान से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और अध्ययन के केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह बिहार के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है।
Sanjay Gandhi Jaivik Udyaan (संजय गांधी जैविक उद्यान)
Sanjay Gandhi Jaivik Udyaan, also known as Sanjay Gandhi Biological Park, is a zoological park located in Patna. It is named after the late Indian politician Sanjay Gandhi and covers an area of over 400 acres. The park is home to a diverse range of flora and fauna, including a large collection of exotic and indigenous species of animals and plants. Some of the key attractions at the park include a large lake, a children’s park, a snake house, and a bird sanctuary. The park is a popular destination for families and nature enthusiasts, and is considered one of the largest zoological parks in India. In addition to offering visitors a chance to experience the beauty of nature and learn about different species of animals and plants, the park also provides opportunities for scientific research and conservation efforts.
संजय गांधी जैविक उद्यान, जिसे संजय गांधी जैविक उद्यान के नाम से भी जाना जाता है, पटना में स्थित एक प्राणी उद्यान है। इसका नाम दिवंगत भारतीय राजनीतिज्ञ संजय गांधी के नाम पर रखा गया है और यह 400 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला है। यह पार्क विविध प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है, जिसमें जानवरों और पौधों की विदेशी और स्वदेशी प्रजातियों का एक बड़ा संग्रह शामिल है। पार्क के कुछ प्रमुख आकर्षणों में एक बड़ी झील, एक बच्चों का पार्क, एक साँप घर और एक पक्षी अभयारण्य शामिल हैं। यह पार्क परिवारों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है, और इसे भारत के सबसे बड़े प्राणी उद्यानों में से एक माना जाता है। आगंतुकों को प्रकृति की सुंदरता का अनुभव करने और जानवरों और पौधों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानने का मौका देने के अलावा, पार्क वैज्ञानिक अनुसंधान और संरक्षण प्रयासों के अवसर भी प्रदान करता है।
Padri Ki Haveli (पादरी की हवेली)
Padri Ki Haveli is a historic mansion located in Patna. It is considered to be one of the oldest Christian structures in the city and is associated with the early history of Christianity in India.
पादरी की हवेली पटना में स्थित एक ऐतिहासिक हवेली है। इसे शहर की सबसे पुरानी ईसाई संरचनाओं में से एक माना जाता है और यह भारत में ईसाई धर्म के प्रारंभिक इतिहास से जुड़ा हुआ है।
The haveli is said to have been built by Italian Jesuit missionaries in the 17th century, and is named after the Portuguese word “Padre,” meaning “priest.” It is believed that the house was used as a residence for Jesuit priests during their missions in India, and is an important example of the fusion of European and Indian architectural styles.
ऐसा कहा जाता है कि इस हवेली का निर्माण 17वीं शताब्दी में इतालवी जेसुइट मिशनरियों द्वारा किया गया था, और इसका नाम पुर्तगाली शब्द “पाद्रे” के नाम पर रखा गया है, जिसका अर्थ है “पुजारी”। ऐसा माना जाता है कि इस घर का उपयोग भारत में उनके मिशन के दौरान जेसुइट पुजारियों के निवास के रूप में किया गया था, और यह यूरोपीय और भारतीय वास्तुकला शैलियों के मिश्रण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
Visitors to the Padri Ki Haveli Museum can also take guided tours of the house, which provide an in depth look at the architecture and history of this important cultural site. Whether you are a history buff, an art lover, or just looking to explore the cultural heritage of Patna, the Padri Ki Haveli is a best popular tourist places.
पादरी की हवेली संग्रहालय में आने वाले पर्यटक घर का निर्देशित भ्रमण भी कर सकते हैं, जो इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल की वास्तुकला और इतिहास की गहराई से जानकारी प्रदान करता है। चाहे आप इतिहास प्रेमी हों, कला प्रेमी हों, या सिर्फ पटना की सांस्कृतिक विरासत का पता लगाना चाहते हों, पादरी की हवेली एक सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
Agam Kuan (अगम कुआँ)
Agam Kuan is an ancient well located in Patna. The well is said to date back to the Mauryan Empire, which ruled over India from the 3rd century BCE to the 3rd century CE. According to legend, the well was built by Emperor Ashoka, one of the most famous rulers of the Mauryan Empire, and was used for spiritual purposes.
गम कुआँ पटना में स्थित एक प्राचीन कुआँ है। ऐसा कहा जाता है कि यह कुआँ मौर्य साम्राज्य के समय का है, जिसने तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से तीसरी शताब्दी ईस्वी तक भारत पर शासन किया था। किंवदंती के अनुसार, यह कुआँ मौर्य साम्राज्य के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक, सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था और इसका उपयोग आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता था।
Agam Kuan is considered a significant historical and cultural site in Patna, and is a popular tourist destination. The well is surrounded by a large courtyard and has several small shrines dedicated to Hindu and Jain deities. Visitors to Agam Kuan can also see carvings and inscriptions on the walls of the well, which are believed to date back to the Mauryan period.
अगम कुआँ को पटना में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल माना जाता है, और यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह कुआँ एक बड़े प्रांगण से घिरा हुआ है और इसमें हिंदू और जैन देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिर हैं। अगम कुआँ आने वाले पर्यटक कुएँ की दीवारों पर नक्काशी और शिलालेख भी देख सकते हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि वे मौर्य काल के हैं।
Kumhrar (कुम्हरार)
Kumhrar is an archaeological site located in Patna. It is an ancient city, known for its historical significance and is believed to have been the capital of the ancient kingdom of Magadha. Kumhrar is particularly famous for the discovery of an ancient palace and 80 pillars, which are believed to have been part of a large assembly hall. The site is considered to be one of the most important archaeological sites in India, and is a popular tourist destination for those interested in history and archaeology. The site is now protected by the Archaeological Survey of India and is open to visitors, who can explore the remains of the ancient palace and the 80 pillars, and learn about the rich cultural heritage of the region.
कुम्हरार पटना में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है। यह एक प्राचीन शहर है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है और माना जाता है कि यह मगध के प्राचीन साम्राज्य की राजधानी थी। कुम्हरार एक प्राचीन महल और 80 स्तंभों की खोज के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जिनके बारे में माना जाता है कि ये एक बड़े सभा कक्ष का हिस्सा थे। यह स्थल भारत के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक माना जाता है, और इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह स्थल अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है और आगंतुकों के लिए खुला है, जो प्राचीन महल और 80 स्तंभों के अवशेषों का पता लगा सकते हैं, और क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जान सकते हैं।
Takht Sri Harmandir Saheb (तख्त श्री हरमंदिर साहब)
Takht Sri Harmandir Sahib, also known as Patna Sahib, is a Gurdwara (Sikh temple) located in Patna. It is one of the five Takhts (thrones) of the Sikh religion and is considered to be one of the most important pilgrimage sites for Sikhs worldwide.
तख्त श्री हरमंदिर साहिब, जिसे पटना साहिब के नाम से भी जाना जाता है, पटना में स्थित एक गुरुद्वारा (सिख मंदिर) है। यह सिख धर्म के पांच तख्तों (सिंहासन) में से एक है और दुनिया भर में सिखों के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।
The Gurdwara was built to commemorate the birthplace of the tenth Sikh Guru, Guru Gobind Singh. The original structure of the Gurdwara was built by Maharaja Ranjit Singh in the 19th century, and it has since been expanded and renovated several times.
गुरुद्वारा का निर्माण दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के जन्मस्थान की स्मृति में किया गया था। गुरुद्वारे की मूल संरचना 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा बनाई गई थी, और तब से इसका कई बार विस्तार और नवीनीकरण किया गया है।
The Gurdwara complex includes several buildings, including a main prayer hall, a langar hall (community kitchen), a museum, and several other rooms for visitors and pilgrims. The Gurdwara also has a sarovar (holy pond) that is believed to have healing powers.
गुरुद्वारा परिसर में कई इमारतें शामिल हैं, जिनमें एक मुख्य प्रार्थना कक्ष, एक लंगर हॉल (सामुदायिक रसोई), एक संग्रहालय और आगंतुकों और तीर्थयात्रियों के लिए कई अन्य कमरे शामिल हैं। गुरुद्वारे में एक सरोवर (पवित्र तालाब) भी है जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें उपचार करने की शक्तियां हैं।
The Gurdwara is open to people of all religions and is a popular destination for visitors seeking spiritual and cultural experiences. It also plays an important role in promoting peace and harmony among different communities.
गुरुद्वारा सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है और आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव चाहने वाले आगंतुकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। यह विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Srikrishna Science Centre (श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र)
Srikrishna Science Centre is a science museum located in Patna. The museum is named after Sri Krishna, an important Hindu deity, and is dedicated to promoting scientific literacy and education among the people of Bihar.
श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र पटना में स्थित एक विज्ञान संग्रहालय है। संग्रहालय का नाम एक महत्वपूर्ण हिंदू देवता श्री कृष्ण के नाम पर रखा गया है, और यह बिहार के लोगों के बीच वैज्ञानिक साक्षरता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।
The museum features a range of interactive exhibits, hands on displays, and multimedia presentations that are designed to help visitors learn about science and technology in a fun and engaging way. The exhibits cover a wide range of topics, including physics, chemistry, biology, astronomy, and computer science, and are suitable for visitors of all ages.
संग्रहालय में इंटरैक्टिव प्रदर्शनियों, व्यावहारिक प्रदर्शनों और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला है जो आगंतुकों को मज़ेदार और आकर्षक तरीके से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में सीखने में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। प्रदर्शनियों में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, खगोल विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान सहित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, और सभी उम्र के आगंतुकों के लिए उपयुक्त हैं।
In addition to its exhibitions, the Srikrishna Science Centre also offers educational programs, workshops, and demonstrations, which help to foster a deeper understanding of science and technology among the public. The museum also collaborates with local schools and colleges to promote science education in the community.
अपनी प्रदर्शनियों के अलावा, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र शैक्षिक कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रदर्शन भी प्रदान करता है, जो जनता के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी की गहरी समझ को बढ़ावा देने में मदद करता है। संग्रहालय समुदाय में विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के साथ भी सहयोग करता है।
Overall, the Srikrishna Science Centre is an important resource for science education in Bihar, and is an important part of the state’s efforts to promote scientific literacy and advance the knowledge of its citizens.
कुल मिलाकर, श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र बिहार में विज्ञान शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है, और वैज्ञानिक साक्षरता को बढ़ावा देने और अपने नागरिकों के ज्ञान को आगे बढ़ाने के राज्य के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
The Patna Planetarium (पटना तारामंडल)
The Patna Planetarium, also known as the Indira Gandhi Planetarium, is a popular astronomical museum located in Patna. It was established in 1993 and is named after the former Indian Prime Minister, Indira Gandhi.
पटना तारामंडल, जिसे इंदिरा गांधी तारामंडल के नाम से भी जाना जाता है, पटना में स्थित एक लोकप्रिय खगोलीय संग्रहालय है। इसकी स्थापना 1993 में हुई थी और इसका नाम पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है।
The planetarium houses various exhibits related to astronomy and space science, including models of planets, stars, and galaxies, as well as a replica of the lunar module used in the Apollo 11 mission. The planetarium also features a sky theatre with a dome shaped screen that simulates the night sky and displays various astronomical phenomena.
तारामंडल में खगोल विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित विभिन्न प्रदर्शनियाँ हैं, जिनमें ग्रहों, सितारों और आकाशगंगाओं के मॉडल के साथ-साथ अपोलो 11 मिशन में उपयोग किए गए चंद्र मॉड्यूल की प्रतिकृति भी शामिल है। तारामंडल में गुंबद के आकार की स्क्रीन के साथ एक आकाश थिएटर भी है जो रात के आकाश का अनुकरण करता है और विभिन्न खगोलीय घटनाओं को प्रदर्शित करता है।
The planetarium is a popular destination for students, researchers, and tourists interested in space science and astronomy. It also hosts regular shows and workshops for visitors of all ages to educate them about various topics related to space and astronomy.
तारामंडल अंतरिक्ष विज्ञान और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। यह सभी उम्र के आगंतुकों के लिए अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान से संबंधित विभिन्न विषयों के बारे में शिक्षित करने के लिए नियमित शो और कार्यशालाएं भी आयोजित करता है।
Gandhi Maidan (गांधी मैदान)
Gandhi Maidan is a historic ground located in the heart of Patna. It is one of the largest open spaces in the country and has been witness to several important events in the history of India.
गांधी मैदान पटना के मध्य में स्थित एक ऐतिहासिक मैदान है। यह देश के सबसे बड़े खुले स्थानों में से एक है और भारत के इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह रहा है।
The ground was initially called the Patna Lawns and was used as a venue for horse racing and other sports activities during the colonial era. After Independence, it was renamed as Gandhi Maidan in honor of Mahatma Gandhi.
इस मैदान को शुरू में पटना लॉन कहा जाता था और औपनिवेशिक युग के दौरान इसका उपयोग घुड़दौड़ और अन्य खेल गतिविधियों के लिए एक स्थल के रूप में किया जाता था। आजादी के बाद महात्मा गांधी के सम्मान में इसका नाम बदलकर गांधी मैदान कर दिया गया।
Over the years, Gandhi Maidan has hosted several political rallies, cultural events, and public gatherings. It is also a popular spot for morning and evening walks and is surrounded by important buildings such as the Bihar Legislative Assembly, the Patna High Court, and the Old Secretariat.
पिछले कुछ वर्षों में, गांधी मैदान ने कई राजनीतिक रैलियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सार्वजनिक समारोहों की मेजबानी की है। यह सुबह और शाम की सैर के लिए भी एक लोकप्रिय स्थान है और बिहार विधान सभा, पटना उच्च न्यायालय और पुराने सचिवालय जैसी महत्वपूर्ण इमारतों से घिरा हुआ है।
The ground has a large statue of Mahatma Gandhi in the center and several other statues of prominent leaders such as Rajendra Prasad, B.R. Ambedkar, and Jayaprakash Narayan. It is a popular destination for tourists visiting Patna and is an important landmark of the city.
मैदान के केंद्र में महात्मा गांधी की एक बड़ी प्रतिमा है और राजेंद्र प्रसाद, बी.आर. जैसे प्रमुख नेताओं की कई अन्य प्रतिमाएं हैं। अम्बेडकर, और जयप्रकाश नारायण। यह पटना आने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है और शहर का एक महत्वपूर्ण स्थल है।
Golghar (गोलघर)
Golghar is a popular tourist attraction located in the heart of Patna. It is a massive granary built by the British in 1786 to store grains during times of famine. The structure was designed by Captain John Garstin and is one of the finest examples of colonial architecture in India.
गोलघर पटना के मध्य में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यह अकाल के समय अनाज भंडारण के लिए 1786 में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया एक विशाल अन्न भंडार है। यह संरचना कैप्टन जॉन गार्स्टिन द्वारा डिजाइन की गई थी और यह भारत में औपनिवेशिक वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है।
The Golghar stands at a height of 29 meters and has a diameter of 125 meters. It has a unique double helical staircase that leads to the top, from where visitors can enjoy a panoramic view of the city. The structure was built using bricks and lime mortar and has a storage capacity of approximately 140,000 tons of grain.
गोलघर 29 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसका व्यास 125 मीटर है। इसमें एक अद्वितीय डबल हेलिकल सीढ़ी है जो शीर्ष तक जाती है, जहां से आगंतुक शहर के मनोरम दृश्य का आनंद ले सकते हैं। यह संरचना ईंटों और चूने के मोर्टार का उपयोग करके बनाई गई थी और इसकी भंडारण क्षमता लगभग 140,000 टन अनाज है।
Although the Golghar was never used for its intended purpose, it has become an iconic symbol of Patna and is a popular spot for tourists visiting the city. The structure is well maintained and attracts visitors throughout the year, especially during the winter season when the weather is pleasant.
हालाँकि गोलघर का उपयोग इसके इच्छित उद्देश्य के लिए कभी नहीं किया गया था, यह पटना का एक प्रतिष्ठित प्रतीक बन गया है और शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। संरचना अच्छी तरह से बनाए रखी गई है और पूरे वर्ष पर्यटकों को आकर्षित करती है, खासकर सर्दियों के मौसम में जब मौसम सुहावना होता है।
Funtasia Island (फंटासिया द्वीप)
Funtasia Island is an amusement park located in Patna. It offers a range of attractions and rides for visitors of all ages, including water rides, thrill rides, and family friendly rides.
फंटासिया द्वीप पटना में स्थित एक मनोरंजन पार्क है। यह सभी उम्र के आगंतुकों के लिए आकर्षण और सवारी की एक श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें पानी की सवारी, रोमांचकारी सवारी और परिवार के अनुकूल सवारी शामिल हैं।
Funtasia Island is designed to provide a fun and exciting experience for visitors, and it is a popular destination for families, couples, and groups of friends. The park features a variety of food and beverage options, as well as shopping and entertainment options.
फंटासिया द्वीप को आगंतुकों के लिए एक मजेदार और रोमांचक अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और यह परिवारों, जोड़ों और दोस्तों के समूहों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है। पार्क में विभिन्न प्रकार के भोजन और पेय पदार्थों के साथ-साथ खरीदारी और मनोरंजन के विकल्प भी मौजूद हैं।
In addition to its amusement park, Funtasia Island also offers a variety of events and activities throughout the year, including live performances, cultural events, and seasonal festivities. Whether you’re looking for a day of thrills and excitement or a family friendly outing, Funtasia Island is a great destination for a fun and enjoyable experience.
अपने मनोरंजन पार्क के अलावा, फंटासिया द्वीप पूरे वर्ष विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और गतिविधियाँ भी प्रदान करता है, जिसमें लाइव प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मौसमी उत्सव शामिल हैं। चाहे आप रोमांच और उत्साह से भरे दिन की तलाश में हों या परिवार के साथ अनुकूल सैर पर, फंटासिया द्वीप एक मजेदार और आनंददायक अनुभव के लिए एक शानदार गंतव्य है।
Rajdhani Vatika (राजधानी वाटिका)
Eco Park, also known as Rajdhani Vatika, is a park located in Patna. It is a large, beautifully landscaped park that covers an area of over 200 acres. The park was established with the aim of providing a green and peaceful environment for people to relax and enjoy nature.
इको पार्क, जिसे राजधानी वाटिका के नाम से भी जाना जाता है, पटना में स्थित एक पार्क है। यह एक बड़ा, सुंदर परिदृश्य वाला पार्क है जो 200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। पार्क की स्थापना लोगों को आराम करने और प्रकृति का आनंद लेने के लिए हरा और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
Eco Park is divided into different zones, each of which has its own unique features and attractions. Some of the most popular zones include the Musical Fountain, the Children’s Play Area, the Butterfly Park, and the Rose Garden. The park also has several large lakes and water bodies that provide a peaceful and serene atmosphere for visitors.
इको पार्क को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं और आकर्षण हैं। कुछ सबसे लोकप्रिय क्षेत्रों में म्यूजिकल फाउंटेन, चिल्ड्रन प्ले एरिया, बटरफ्लाई पार्क और रोज़ गार्डन शामिल हैं। पार्क में कई बड़ी झीलें और जल निकाय भी हैं जो आगंतुकों के लिए शांतिपूर्ण और शांत वातावरण प्रदान करते हैं।
Mahatma Gandhi Setu (महात्मा गांधी सेतु)
Mahatma Gandhi Setu is a bridge located in Patna. It is one of the longest bridges in India, spanning over 5.75 km across the Ganges River. The bridge connects the cities of Patna and Hajipur and provides an important transportation link for the people of Bihar and the surrounding areas.
महात्मा गांधी सेतु पटना में स्थित एक पुल है। यह भारत के सबसे लंबे पुलों में से एक है, जो गंगा नदी पर 5.75 किमी तक फैला है। यह पुल पटना और हाजीपुर शहरों को जोड़ता है और बिहार और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन लिंक प्रदान करता है।
Mahatma Gandhi Setu was opened in 1982 and has become an iconic symbol of Patna and Bihar. It is named after the Indian independence leader Mohandas Karamchand Gandhi, also known as Mahatma Gandhi. The bridge has become a popular tourist destination, attracting visitors from all over the world who come to admire its impressive size and structure.
महात्मा गांधी सेतु 1982 में खोला गया था और यह पटना और बिहार का एक प्रतिष्ठित प्रतीक बन गया है। इसका नाम भारतीय स्वतंत्रता नेता मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, के नाम पर रखा गया है। यह पुल एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है जो इसके प्रभावशाली आकार और संरचना की प्रशंसा करने आते हैं।
Vishwa Shanti Stupa -Vaishali (विश्व शांति स्तूप – वैशाली)
Vishwa Shanti Stupa, also known as Vishwa Shanti Pagoda. It is a major Buddhist monument of Vaishali. Vaishali is a historical city in the state of Bihar. Vaishali holds an important place in Buddhism as it is believed to be the birthplace of Lord Mahavira. Mahavira was the 24th Tirthankara of Jainism. It is also associated with Lord Buddha and his teachings.
विश्व शांति स्तूप, जिसे विश्व शांति शिवालय के नाम से भी जाना जाता है। यह वैशाली का एक प्रमुख बौद्ध स्मारक है। वैशाली बिहार राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है। वैशाली बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि इसे भगवान महावीर का जन्मस्थान माना जाता है। महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। यह भगवान बुद्ध और उनकी शिक्षाओं से भी जुड़ा है।
The Vishwa Shanti Stupa at Vaishali was inaugurated on 23 October 1996. It is a symbol of peace and non violence. It was built by the Nipponzan Myohoji organization, a Japanese Buddhist sect best known for building Peace Pagodas around the world. The stupa is located on the outskirts of Vaishali and is a popular tourist attraction and pilgrimage site.
वैशाली में विश्व शांति स्तूप का उद्घाटन 23 अक्टूबर 1996 को हुआ था। यह शांति और अहिंसा का प्रतीक है। इसका निर्माण निप्पोनज़न मायोहोजी संगठन द्वारा किया गया था, जो एक जापानी बौद्ध संप्रदाय है जो दुनिया भर में शांति पैगोडा के निर्माण के लिए जाना जाता है। स्तूप वैशाली के बाहरी इलाके में स्थित है और एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण और तीर्थ स्थल है।
Vaishali is an important pilgrimage site for Buddhists, and several important Buddhist sites are located in the city and its surrounding area, including the ruins of the ancient city, monasteries, and stupas. Vaishali is also known for its association with Mahavira, the founder of Jainism, who was born in the city and spent much of his life there.
वैशाली बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, और शहर और इसके आसपास के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल स्थित हैं, जिनमें प्राचीन शहर के खंडहर, मठ और स्तूप शामिल हैं। वैशाली को जैन धर्म के संस्थापक महावीर के साथ अपने संबंध के लिए भी जाना जाता है, जिनका जन्म इसी शहर में हुआ था और उन्होंने अपना अधिकांश जीवन वहीं बिताया था।
In addition to its historical and cultural significance, Vaishali is also a popular tourist destination, attracting visitors who are interested in history, archaeology, and religion. The city is popular for its rich cultural heritage and is a popular destination for tourists and pilgrims who come to learn about its rich cultural heritage, explore its ancient sites, and visit its temples and shrines.
अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा, वैशाली एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है, जो इतिहास, पुरातत्व और धर्म में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए लोकप्रिय है और उन पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने, इसके प्राचीन स्थलों को देखने और इसके मंदिरों और तीर्थस्थलों के दर्शन करने आते हैं।
The Ashokan Pillar – Vaishali (अशोक स्तंभ – वैशाली )
The Ashokan Pillar in Vaishali is an ancient monument. It is located in Vaishali district in Bihar. It is an important archaeological and historical site associated with the Mauryan Emperor Ashoka (r. 268-232 BCE), who ruled over much of the Indian subcontinent during his reign.
वैशाली में अशोक स्तंभ एक प्राचीन स्मारक है। यह बिहार के वैशाली जिले में स्थित है। यह मौर्य सम्राट अशोक (268-232 ईसा पूर्व) से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक और ऐतिहासिक स्थल है, जिन्होंने अपने शासनकाल के दौरान भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्से पर शासन किया था।
The Ashokan Pillar is particularly significant because it is one of the few surviving pillars erected by Emperor Ashoka. Ashoka, after his conversion to Buddhism, promoted the spread of the religion and his principles of dharma (righteousness) through inscriptions on pillars and rocks across his empire. These inscriptions, known as the “Edicts of Ashoka,” contain moral and ethical teachings, administrative instructions, and details of his philanthropic activities.
अशोक स्तंभ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गए कुछ जीवित स्तंभों में से एक है। अशोक ने बौद्ध धर्म में परिवर्तन के बाद, अपने साम्राज्य में स्तंभों और चट्टानों पर शिलालेखों के माध्यम से धर्म के प्रसार और धर्म (धार्मिकता) के सिद्धांतों को बढ़ावा दिया। इन शिलालेखों को, जिन्हें “अशोक के शिलालेख” के नाम से जाना जाता है, नैतिक और नैतिक शिक्षाएं, प्रशासनिक निर्देश और उनकी परोपकारी गतिविधियों का विवरण शामिल है।
The Vaishali Pillar is believed to have been constructed during the 3rd century BCE. It is made of a highly polished single piece of sandstone and originally stood several meters tall. However, over the centuries, it has suffered damage, and now only a stump remains.
ऐसा माना जाता है कि वैशाली स्तंभ का निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान किया गया था। यह बलुआ पत्थर के अत्यधिक पॉलिश किए गए एक टुकड़े से बना है और मूल रूप से कई मीटर ऊंचा था। हालाँकि, सदियों से इसे नुकसान हुआ है, और अब केवल एक स्टंप ही बचा है।
The inscriptions on the Ashokan Pillar at Vaishali mainly focus on Buddhist teachings, non-violence, and moral conduct. It serves as an important historical and cultural site, attracting tourists and pilgrims alike. Vaishali itself holds immense significance in Buddhism as it was the birthplace of Lord Mahavira, the 24th Tirthankara of Jainism, and is also associated with the Buddha, who visited the city several times during his lifetime.
वैशाली में अशोक स्तंभ पर शिलालेख मुख्य रूप से बौद्ध शिक्षाओं, अहिंसा और नैतिक आचरण पर केंद्रित हैं। यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में कार्य करता है, जो पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को समान रूप से आकर्षित करता है। वैशाली स्वयं बौद्ध धर्म में बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मस्थान था, और यह बुद्ध से भी जुड़ा हुआ है, जिन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान कई बार शहर का दौरा किया था।
Sonepur Mela (सोनपुर मेला)
Sonepur Mela is an annual livestock fair that takes place in Sonepur, a town in Bihar. It is one of the largest livestock fairs in Asia, and attracts a large number of visitors from all over India and abroad.
सोनपुर मेला एक वार्षिक पशुधन मेला है जो बिहार के एक शहर सोनपुर में लगता है। यह एशिया के सबसे बड़े पशुधन मेलों में से एक है, और पूरे भारत और विदेशों से बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है।
The fair is held during the Hindu month of Kartik (usually in November), and lasts for around 15 – 17 days. During this time, the town of Sonepur comes alive with a vibrant and colorful atmosphere, as thousands of traders, buyers, and tourists converge to participate in the fair.
यह मेला हिंदू महीने कार्तिक (आमतौर पर नवंबर में) के दौरान आयोजित किया जाता है, और लगभग 15 – 17 दिनों तक चलता है। इस समय के दौरान, सोनपुर शहर एक जीवंत और रंगीन माहौल के साथ जीवंत हो जाता है, क्योंकि हजारों व्यापारी, खरीदार और पर्यटक मेले में भाग लेने के लिए जुटते हैं।
The main attraction of the Sonepur Mela is the livestock market, where farmers and traders from all over the region come to buy and sell a variety of animals, including cows, bulls, camels, horses, and elephants. In addition to the livestock market, the fair also features a range of other attractions, including cultural programs, games, and competitions.
सोनपुर मेले का मुख्य आकर्षण पशुधन बाजार है, जहां पूरे क्षेत्र से किसान और व्यापारी गाय, बैल, ऊंट, घोड़े और हाथियों सहित विभिन्न प्रकार के जानवरों को खरीदने और बेचने के लिए आते हैं। पशुधन बाजार के अलावा, मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, खेलों और प्रतियोगिताओं सहित कई अन्य आकर्षण भी शामिल हैं।
Visitors to the Sonepur Mela can also enjoy a variety of local food and drinks, including traditional Bihari sweets, street food, and local drinks like lassi and sharbat. With its unique atmosphere and fascinating mix of culture, commerce, and entertainment, the Sonepur Mela is an experience that should not be missed by anyone visiting Bihar.
सोनपुर मेले में आने वाले पर्यटक विभिन्न प्रकार के स्थानीय भोजन और पेय का भी आनंद ले सकते हैं, जिनमें पारंपरिक बिहारी मिठाइयाँ, स्ट्रीट फूड और लस्सी और शरबत जैसे स्थानीय पेय शामिल हैं। अपने अनूठे माहौल और संस्कृति, वाणिज्य और मनोरंजन के आकर्षक मिश्रण के साथ, सोनपुर मेला एक ऐसा अनुभव है जिसे बिहार आने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ना चाहिए।
Rajgir (राजगीर)
Rajgir is a city located in the state of Bihar. It was an important center of Buddhist culture and politics during the ancient period, and is considered one of the holiest Buddhist sites in India. Rajgir was the capital city of the Magadha Kingdom, one of the most powerful empires in ancient India, and was the site of several important Buddhist councils.
राजगीर बिहार राज्य में स्थित एक शहर है। यह प्राचीन काल में बौद्ध संस्कृति और राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र था, और इसे भारत के सबसे पवित्र बौद्ध स्थलों में से एक माना जाता है। राजगीर मगध साम्राज्य की राजधानी थी, जो प्राचीन भारत के सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था, और कई महत्वपूर्ण बौद्ध परिषदों का स्थल था।
Rajgir is an important pilgrimage site for Buddhists, and several important Buddhist sites are located in the city and its surrounding area, including the ruins of ancient monasteries and stupas, as well as the hot springs that are said to have been used by the Buddha himself. In addition to its association with Buddhism, Rajgir is also considered an important center of Jain culture, as it was the birthplace of several prominent Jain saints.
राजगीर बौद्धों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, और कई महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल शहर और इसके आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं, जिनमें प्राचीन मठों और स्तूपों के खंडहर, साथ ही गर्म झरने भी शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इनका उपयोग स्वयं बुद्ध ने किया था। . बौद्ध धर्म से जुड़ाव के अलावा, राजगीर को जैन संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है, क्योंकि यह कई प्रमुख जैन संतों का जन्मस्थान था।
Today, Rajgir is a popular tourist destination, attracting visitors who are interested in history, archaeology, and religion. The city is popular for its rich cultural heritage, and is a popular destination for tourists and pilgrims who come to learn about its rich cultural heritage, explore its ancient sites, and visit its temples and shrines.
आज, राजगीर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो इतिहास, पुरातत्व और धर्म में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह शहर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए लोकप्रिय है, और उन पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने, इसके प्राचीन स्थलों को देखने और इसके मंदिरों और तीर्थस्थलों के दर्शन करने आते हैं।
Pawapuri (पावापुरी)
Pawapuri, also known as Apapuri, is a holy city in the Nalanda district of Bihar. It is an important site of pilgrimage for Jains, who consider it the birthplace of Lord Mahavira, the last Tirthankara of Jainism.
पावापुरी, जिसे अपापुरी के नाम से भी जाना जाता है, बिहार के नालंदा जिले का एक पवित्र शहर है। यह जैनियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जो इसे जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मस्थान मानते हैं।
One of the main attractions of Pawapuri is the Jal Mandir, a temple dedicated to Lord Mahavira that is set in the middle of a large tank filled with sacred water. Visitors can walk around the tank on a bridge and pay their respects at the temple.
पावापुरी के मुख्य आकर्षणों में से एक जल मंदिर है, जो भगवान महावीर को समर्पित एक मंदिर है जो पवित्र जल से भरे एक बड़े टैंक के बीच में स्थापित है। पर्यटक एक पुल पर टैंक के चारों ओर घूम सकते हैं और मंदिर में अपनी श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं।
There is also a museum in Pawapuri dedicated to Jainism, which displays artifacts and paintings related to Jain history and culture. Visitors can learn about Jain philosophy, history, and religious practices.
पावापुरी में जैन धर्म को समर्पित एक संग्रहालय भी है, जो जैन इतिहास और संस्कृति से संबंधित कलाकृतियों और चित्रों को प्रदर्शित करता है। आगंतुक जैन दर्शन, इतिहास और धार्मिक प्रथाओं के बारे में जान सकते हैं।
Pawapuri is also surrounded by beautiful natural scenery, including lush greenery and rolling hills, making it a popular spot for nature lovers and trekkers. With its rich cultural and spiritual significance, as well as its natural beauty, Pawapuri is a popular best tourist places for anyone interested in the history and religion of Bihar and India.
पावापुरी हरे-भरे हरियाली और पहाड़ियों सहित सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा हुआ है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकर्स के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनाता है। अपने समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ, पावापुरी बिहार और भारत के इतिहास और धर्म में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक लोकप्रिय सर्वोत्तम पर्यटन स्थल है।
Kakolat Waterfall (ककोलत जलप्रपात)
Kakolat Waterfall is a popular tourist destination located in the Nawada district of Bihar. It is situated at a distance of around 33 kilometers from the city of Nawada and is known for its scenic beauty and natural surroundings.
ककोलत जलप्रपात बिहार के नवादा जिले में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह नवादा शहर से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राकृतिक परिवेश के लिए जाना जाता है।
The waterfall is formed by the Kakolat hill stream, which originates from the nearby hills and cascades down to form a pool of water at the bottom. The pool is surrounded by lush green forests and is a popular spot for picnics and day trips. Visitors can swim in the pool and enjoy the cool and refreshing water of the waterfall.
झरना काकोलाट पहाड़ी धारा से बनता है, जो पास की पहाड़ियों से निकलती है और नीचे की ओर पानी का एक कुंड बनाने के लिए गिरती है। यह पूल हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है और पिकनिक और दिन की यात्राओं के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। पर्यटक पूल में तैर सकते हैं और झरने के ठंडे और ताज़ा पानी का आनंद ले सकते हैं।
The Kakolat Waterfall is also considered to be a sacred site by the locals, who believe that it is home to several holy spirits and deities. The waterfall is surrounded by several temples and shrines, which attract pilgrims from all over the region.
ककोलत जलप्रपात को स्थानीय लोगों द्वारा एक पवित्र स्थल भी माना जाता है, जो मानते हैं कि यह कई पवित्र आत्माओं और देवताओं का घर है। झरना कई मंदिरों और तीर्थस्थलों से घिरा हुआ है, जो पूरे क्षेत्र से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
The best time to visit Kakolat Waterfall is during the monsoon season, between July and September, when the water flow is at its peak and the surrounding landscape is lush and green. Visitors can also enjoy a range of adventure activities such as hiking, trekking, and rock climbing in the surrounding hills.
काकोलत झरने की यात्रा का सबसे अच्छा समय मानसून के मौसम के दौरान जुलाई और सितंबर के बीच होता है, जब पानी का प्रवाह अपने चरम पर होता है और आसपास का परिदृश्य हरा-भरा होता है। पर्यटक आसपास की पहाड़ियों में लंबी पैदल यात्रा, ट्रैकिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी कई साहसिक गतिविधियों का आनंद भी ले सकते हैं।
Hieun Tsang Memorial Hall (ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल)
The Hiuen Tsang Memorial Hall is a museum dedicated to the famous Chinese traveler, scholar, and Buddhist monk, Xuanzang (also known as Hiuen Tsang) in Nalanda, Bihar. The museum houses various artifacts and exhibits related to the life and works of Xuanzang, who visited India during the 7th century to study Buddhist philosophy and scriptures. The memorial hall also includes a small library with books on Buddhism, Chinese literature, and Indian history. It is a popular tourist attraction for those interested in Buddhist history and Chinese culture.
ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल बिहार के नालंदा में प्रसिद्ध चीनी यात्री, विद्वान और बौद्ध भिक्षु, जुआनज़ैंग (जिसे ह्वेन त्सांग के नाम से भी जाना जाता है) को समर्पित एक संग्रहालय है। संग्रहालय में जुआनज़ैंग के जीवन और कार्यों से संबंधित विभिन्न कलाकृतियाँ और प्रदर्शनियां हैं, जो 7वीं शताब्दी के दौरान बौद्ध दर्शन और धर्मग्रंथों का अध्ययन करने के लिए भारत आए थे। मेमोरियल हॉल में बौद्ध धर्म, चीनी साहित्य और भारतीय इतिहास पर पुस्तकों के साथ एक छोटा पुस्तकालय भी शामिल है। बौद्ध इतिहास और चीनी संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है।
The Hiuen Tsang Memorial Hall is located in the ruins of the ancient Nalanda University, which was a renowned center of learning for Buddhism and other subjects during the ancient and medieval periods. The museum was established in 1991 by the Archaeological Survey of India to commemorate the 1400th anniversary of Xuanzang’s arrival in India.
ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों में स्थित है, जो प्राचीन और मध्ययुगीन काल के दौरान बौद्ध धर्म और अन्य विषयों की शिक्षा का एक प्रसिद्ध केंद्र था। संग्रहालय की स्थापना 1991 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा जुआनज़ैंग के भारत आगमन की 1400वीं वर्षगांठ मनाने के लिए की गई थी।
The museum has several galleries that showcase the history of Nalanda University and the life and times of Xuanzang. Some of the exhibits include replicas of the scriptures that Xuanzang brought back to China, rare manuscripts, Buddhist artifacts, and Chinese pottery. The museum also has a multimedia room where visitors can watch documentaries on Xuanzang’s travels and teachings.
संग्रहालय में कई दीर्घाएँ हैं जो नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास और जुआनज़ैंग के जीवन और समय को प्रदर्शित करती हैं। कुछ प्रदर्शनों में उन धर्मग्रंथों की प्रतिकृतियां शामिल हैं जिन्हें जुआनज़ैंग चीन वापस लाया था, दुर्लभ पांडुलिपियां, बौद्ध कलाकृतियां और चीनी मिट्टी के बर्तन। संग्रहालय में एक मल्टीमीडिया कक्ष भी है जहां आगंतुक जुआनज़ांग की यात्रा और शिक्षाओं पर वृत्तचित्र देख सकते हैं।
Apart from the museum, visitors can also explore the ruins of the ancient university, which include numerous temples, monasteries, and lecture halls. The site is recognized as a UNESCO World Heritage Site and attracts visitors from all over the world who come to learn about the history of Buddhism and Indian philosophy.
संग्रहालय के अलावा, आगंतुक प्राचीन विश्वविद्यालय के खंडहरों को भी देख सकते हैं, जिनमें कई मंदिर, मठ और व्याख्यान कक्ष शामिल हैं। यह स्थल यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है जो बौद्ध धर्म और भारतीय दर्शन के इतिहास के बारे में जानने के लिए आते हैं।
Kesariya Stupa (केसरिया स्तूप)
The Kesariya Stupa is an ancient Buddhist monument located in the village of Kesariya in the East Champaran district of Bihar, India. It is considered one of the largest stupas in the world, and is believed to have been built over 2,000 years ago.
केसरिया स्तूप भारत के बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया गांव में स्थित एक प्राचीन बौद्ध स्मारक है। इसे दुनिया के सबसे बड़े स्तूपों में से एक माना जाता है और माना जाता है कि इसका निर्माण 2,000 साल पहले हुआ था।
The stupa is thought to have been a key center of Buddhist pilgrimage and worship during the ancient period, and it is said to have housed Buddhist relics and other sacred objects. Over the centuries, the stupa has been badly damaged and largely forgotten, but in recent years efforts have been made to restore and preserve this important historical site.
ऐसा माना जाता है कि यह स्तूप प्राचीन काल के दौरान बौद्ध तीर्थयात्रा और पूजा का एक प्रमुख केंद्र रहा है, और कहा जाता है कि इसमें बौद्ध अवशेष और अन्य पवित्र वस्तुएं रखी हुई हैं। सदियों से, स्तूप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और काफी हद तक भुला दिया गया है, लेकिन हाल के वर्षों में इस महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल को पुनर्स्थापित और संरक्षित करने के प्रयास किए गए हैं।
Visitors to the Kesariya Stupa can explore the site and learn about its history and significance, and they can also see the ongoing restoration work that is being carried out. With its impressive size and rich cultural heritage, the Kesariya Stupa is a best tourist places for anyone interested in the history and culture of Bihar and ancient India.
केसरिया स्तूप के पर्यटक इस स्थल का भ्रमण कर सकते हैं और इसके इतिहास और महत्व के बारे में जान सकते हैं, और वे चल रहे जीर्णोद्धार कार्य को भी देख सकते हैं। अपने प्रभावशाली आकार और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ, केसरिया स्तूप बिहार और प्राचीन भारत के इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक सर्वोत्तम पर्यटन स्थल है।
Vikramshila Gangetic Dolphin Sanctuary (विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य)
Vikramshila Gangetic Dolphin Sanctuary is a protected area located in Bhagalpur district in Bihar. It is a riverine sanctuary dedicated to the conservation and protection of the Gangetic river dolphin, an endangered species.
विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य बिहार के भागलपुर जिले में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह एक नदी अभयारण्य है जो लुप्तप्राय प्रजाति गंगा नदी डॉल्फ़िन के संरक्षण और संरक्षण के लिए समर्पित है।
The sanctuary covers an area of about 50 km of the Ganges River and its adjacent areas. The Gangetic river dolphin is the national aquatic animal of India and is considered a flagship species for the conservation of the Ganges River ecosystem.
यह अभयारण्य गंगा नदी और उसके आस-पास के क्षेत्रों के लगभग 50 किमी के क्षेत्र को कवर करता है। गंगा नदी डॉल्फ़िन भारत का राष्ट्रीय जलीय जानवर है और इसे गंगा नदी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए एक प्रमुख प्रजाति माना जाता है।
Visitors to the sanctuary can take guided boat tours to view the dolphins in their natural habitat. The sanctuary also offers educational and interpretive programs for visitors, including lectures and workshops on the ecology and conservation of the Gangetic river dolphin.
अभयारण्य में आने वाले पर्यटक डॉल्फ़िन को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए निर्देशित नाव यात्रा कर सकते हैं। अभयारण्य आगंतुकों के लिए शैक्षिक और व्याख्यात्मक कार्यक्रम भी प्रदान करता है, जिसमें गंगा नदी डॉल्फ़िन की पारिस्थितिकी और संरक्षण पर व्याख्यान और कार्यशालाएं शामिल हैं।
In addition to its conservation efforts, the Vikramshila Gangetic Dolphin Sanctuary also supports local communities through ecotourism and sustainable livelihood initiatives. By visiting the sanctuary, tourists can support its conservation efforts while enjoying a unique and educational experience.
अपने संरक्षण प्रयासों के अलावा, विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन अभयारण्य पारिस्थितिक पर्यटन और स्थायी आजीविका पहल के माध्यम से स्थानीय समुदायों का भी समर्थन करता है। अभयारण्य का दौरा करके, पर्यटक एक अद्वितीय और शैक्षिक अनुभव का आनंद लेते हुए इसके संरक्षण प्रयासों का समर्थन कर सकते हैं।
These are just a few of the many tourist places in Bihar. The state has a rich history and cultural heritage, making it a fascinating destination for travellers interested in exploring India’s past and spirituality.
ये बिहार के कई पर्यटन स्थलों में से कुछ हैं। राज्य का समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत है, जो इसे भारत के अतीत और आध्यात्मिकता की खोज में रुचि रखने वाले यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती है।